Wednesday 14 June 2017

और शरद यादव ने माफी नहीं मांगी


शरद यादव तो सभी को याद होगा, मुंहफट के तौर पर कुछ बोलकर उसको सही बताने के लिए, हो सकता है आपको याद हो जनवरी में जब उत्तर प्रदेश के विधान सभा के चुनाव होने थे तब इस के बयान ने कुछ समय के लिया महिला आयोग को जागृत किया था लेकिन मेने उस समय भी कहा था की ये व्यक्ति माफ़ी नहीं मांगेगा और महिला आयोग कुछ दिन में चुप हो जायेगा. Begusarai News

महिला आयोग की एक समस्या है, और वो समस्या ये है की जो इसको गंभीरता से लेता है ये आयोग उसको ज्यादा परेशान करता है लेकिन जिसने इस आयोग को ठेंगे पर रख कर अपने जूते से ठोकर मार दी उसका ये आयोग कुछ नहीं उखाड़ सकता है फिर चाहे वो मुलायम सिंह का बयान हो की 'लड़के है उनसे गलती हो जाती है तो क उन्हें फांसी चढ़ाये दे' या फिर ये कहना की फिर संसद में सब क्रीम पोडर लगा के ऊँची जाती की लड़किया ही दिखेगी या फिर लालू का बयान हो की हेमा मालिनी के गलुआ जैसे रोड कर दिए, गौर करिये ये सब यादव ही है . Bihar Samachar

तो आज बात करते है शरद यादव के 24 जनवरी बाले बयान की जिसमे इन्होने कहा था 'बेटी की इज्जत से भी बड़ी वोट की इज्जत होती है' अब इस बयान पर कुछ दिन घमासान हुआ लेकिन इसने बड़ी चतुराई से बात को टाल दिया और अगले 3 दिन के बाद महिला आयोग चुप हो गया, क्युकी इसने माफ़ी नहीं मांगी बल्कि इस बयान को उछालने बाले लोगो को ही लपेट दिया .Buxar News

कारण स्पस्ट था इस व्यक्ति ने महिला आयोग को गंभीरता से लिए ही नहीं, अपने जूते की ठोकर मार कर आयोग को उसकी हदे बता दी, जबकि इस आयोग ने अमिताभ बच्चन से माफ़ी मंगवा ली थी सिर्फ ये कहने भर कसे की अभी और ऐस एक इस घर को एक वारिस प्रदान करे और महिला आयोग ने वारिस का मतलब बेटा बना दिया और 2 दिन तक मामला उछलता रहा अब इज्जतदार आदमी डर भी जाता है और कानून का सम्मान भी करता है इसलिए माफ़ी मांग ली क्युकी इनको अपने समर्थको के खोने का भी डर रहता है, अब अब जैसे शारद यादव वैसे ही उसके समर्थक . Darbhanga News

शरद यादव की कोई इज्जत नहीं, समाज से कोई सरोकार नहीं, जैसा वो वैसे ही उसके समर्थक और कानून को तो ये लोग इ यहाँ की रखेल बनाये रखते है तो उससे डर कैसा, हां ये आयोग अगर शरद यादव को हथकड़ी लगवा कर जेल भिजवा देता तब कही ये आयोग से डरता, खैर मुद्दा ये है की लड़की के बलात्कार को वोट से भी कम ाख्ने वाले का महिला आयोग और देश का कानून कुछ नहीं बिगाड़ पाया और न ही कुछ बिगड़ सकता है 

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