Monday 12 June 2017

नितीश कुमार की बीजेपी को चुनौती देना कितना ठीक है

नितीश कुमार पिछले विधान सभा सत्र में एक अच्छी छवि लेकर उभरे थे, जिसे अखबारों में सुशासन बाबू के नाम से बहुत लोकप्रिय बनायागया था और शायद वो थे भी क्युकी जितने  बिहार के रहने वाले मेरे आसपास थे उन्होंने इस बात की पुष्टि भी की अब बिहार में कानून व्यवस्था बहुत हद तक ठीक है, लेकिन फिर भी नितीश कुमार का डर साफ झलक रहा था।

नितीश कुमार पुरे कार्यकाल में अपनी पूर्ववर्ती सरकार यानि की लालू एयर रावरी जैसे मुख्य मंत्रियो को गालिया देते रहे उनके कुकर्मो की दुहाई देते रहे और उसी को सुधारने का दावा करते रहे लेकिन २०१६ के चुनाव में बीजेपी और मोदी जी से इतना डर गए थे की उनको गठबंधन के लिए सिवाए अपने धुर विरोधीओ यानि की लालू और कोन्ग्रेस्स के अलाबा कोई नजर नहीं आया। ( What is Ganga hydropower project )

और हाथ जोड़ करके जो मुद्दे उठाये उन्होंने जनता को सीधा सीधा गुमराह कर दिया जनता भर्मित हो गयी और जातीय समीकरणों की जीत हुयी लेकिन पढ़ीलिखी परन्तु पुरे प्रदेश की विखरी हुयी जनता ने बीजेपी को वोट दिया, नतीजा ये हुआ की बीजेपी किसीते कम थे परन्तु वोट का प्रतिशत सबसे ज्यादा रहा, देखिये नीचे की टेबल में :


हालाँकि नितीश कुमार खुद भी जानते है की लालू से गठबंधन करके उन्होंने बहुत बड़ी गलती कर दी क्युकी १० साल सत्ता से बाहर रहने के बाद भी जनता पर पकड़ उतनी ही है इसी लिए लालू की लालटेन को वोट और सीट दोनों नितीश की पार्टी से ज्यादा मिली और सबसे बड़ी बाद जब से सत्ता में दुबारा आये है तब से न तो शासन सही चल रहा है, न ही अधिकारी वर्ग सही से काम कर पा रहा है और न ही लोगो को आरक्षण के मुद्दे पर जिस तरह से स्वाभिमान की घुट्टी पिलाई थे वो कही नजर आ रही है।

मतलब साफ है की लालू ने जनता और नितीश दोनों को उल्लू बना दिया, अब काम तो करते है नितीश और मुफ्त की पगार लालू के लौड़े उड़ा रहे है दोनों नमूने की तरह खड़े हो जायेगे  को महापुरुष समझते है और बिहार का मीडिया भी उनके महिमामंडन में लगा रहता है।

अब नितीश को सोचना चाहिए की जब उसकी पकड़ इतनी कमजोर है जनता पर की १० साल मुख्यमंत्री रहकर उसकी पार्टी को उस पार्टी से भी कम वोट मिले जो सत्ता से १० साल बाहर रही तो क्या बीजेपी को ऐसी चुनौती देना समझदारी है, क्या पता चुनाव में बीजेपी बाजी मार ले या फिर लालू के लौड़े नितीश कुमार को आउट ऑफ़ स्टेट कर दे।

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